संयम रखें, समय बदलेगा
आज पूरा विश्व भयंकर कोरोना नाम के भयंकर वायरस से जूझ रहा है; तथा विश्व की महाशक्तियां इसके आगे विवश हैं. इटली, स्पेन, अमेरिका, फ्रांस, ईरान , जर्मनी , इत्यादि देशों में तो इसने मौत का तांडव मचा रखा है. हमारे देश में भी इस महामारी का भय साफ रूप से देखा जा सकता है. पूरा भारत लॉकडाउन के साये में है. विश्व स्वास्थ्य संगठन को भी समझ नहीं आ रहा कि कैसे इस पर लगाम लगाई जाय. उसने इसे पहले ही महामारी घोषित कर दिया हैं.

इस दौर में कई प्रकार की अफवाहें जोरों पर हैं, पर हमें इन अफवाहों पर ध्यान नहीं देना है और पॉजिटिव रहकर इसको फैलने से रोकना है. हमें आशावान रहना है और यह मानना है कि समय बदलेगा और एक दिन आयेगा जब विश्व इस महामारी से छुटकारा पा लेगा.
भारत सरकार तथा विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा इस दिशा में अति उत्तम कदम उठाए जा रहे हैं तथा सराहनीय कार्य किये जा रहे हैं. आज जरुरत है इन दिशा-निर्देशों का बहुत जोर से और ईमानदारी से पालन करने की. हमें घरों में रहकर इस देशव्यापी लॉकडाउन को सफल बना कर इस वायरस को हराना है. फ़िलहाल हमें स्वयं को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत करने की जरुरत है.
इसमें कोई दो राय नहीं है कि आज पूरी मानवता एक बहुत बड़े प्रश्न से जूझ रही है कि कब यह भयंकर वायरस हमारा पीछा छोड़ेगा. विश्व का हर व्यक्ति आज सहमा-सहमा और डरा हुआ है. पर हमें सकारात्मक सोच को विकसित करनी होगी. मन में आ रहे नकारात्मक विचारों को भगाना होगा. अगर हो सके तो हम विभिन्न तरीकों से इस लड़ाई में अपना योगदान दे सकते हैं. जिसकी आर्थिक स्थिति अच्छी है,वह प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान दे सकते हैं.
जीवन नदी की बहती धारा के समान है, सुख दुःख जीवन के दो पहिये हैं तथा ये आते-जाते रहते हैं. यह अकाट्य सत्य तो हर कोई जानता हैं कि समय बदलता रहता है, और परिवर्तन विश्व का नियम है. अगर आज काली रात का साया है तो कल की सुबह अवश्य होगी. अतः सयंम बनाये रखें , धीरज रखें और निराश न हों; समय अवश्य बदलेगा. जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं हैं. बड़े-बड़े राजा-महाराजा आये और चले गई. बड़ी-बड़ी आपदाएं आयीं और चली गई.
ठीक ऐसे ही यह महामारी भी चली जायेगी.