बिहार : एक प्राचीन और गतिशील राज्य

बिहार : एक प्राचीन और  गतिशील राज्य

बिहार भारत के सबसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राज्यों में से एक है। यहाँ विश्व की प्राचीनतम विश्वविद्यालयों (नालंदा, विक्रमशिला) से लेकर भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद तक का इतिहास समाहित है। BPSC परीक्षा में बिहार के इतिहास से संबंधित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं, अतः यह लेख सम्पूर्ण इतिहास को संक्षिप्त और सरल भाषा में प्रस्तुत करता है।

1. प्राचीन बिहार: वैदिक काल से मगध साम्राज्य तक

बिहार  को प्राचीन काल में  मगध” के नाम से जाना जाता था। यही वह क्षेत्र है जहाँ से भारत की पहली राजनीतिक संस्थाओं का जन्म हुआ। यह क्षेत्र शिक्षा, धर्म और राजनीति का प्रमुख केंद्र था।

महत्वपूर्ण स्थल:
बोध गया

बोधगया, बिहार का सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जहाँ गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। यह बौद्ध धर्म के चार प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है।

मुख्य आकर्षण:
  • महाबोधि मंदिर(यूनेस्को विश्व धरोहर)
  • बोधि वृक्ष(वह पेड़ जहाँ बुद्ध ने समाधि ली)
  • विशाल बुद्ध प्रतिमा
  • पाटलिपुत्र (आधुनिक पटना):मौर्य साम्राज्य की राजधानी।
  • नालंदा प्राचीन विश्वविद्यालय का अवशेष :

    नालंदा विश्वविद्यालय 5वीं से 12वीं शताब्दी तक शिक्षा का केंद्र था। यहाँ दुनिया भर के छात्र पढ़ने आते थे। यहाँ के मुख्य आकर्षण निम्नलिखित है :

  • नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर
  • नालंदा पुरातात्विक संग्रहालय
  • ह्वेनसांग मेमोरियल हॉल

राजगीर प्राचीन राजधानी और प्राकृतिक सौंदर्य

राजगीर (प्राचीन राजगृह) मगध साम्राज्य की राजधानी थी। यह जैन और बौद्ध धर्म से जुड़ा हुआ है।

मुख्य आकर्षण:

  • विश्व शांति स्तूप (जापानी मंदिर)
  • सप्तपर्णी गुफा (प्रथम बौद्ध संगीति स्थल)
  • गर्म पानी के झरने (ब्रह्मकुंड)

वैशाली विश्व का पहला गणतंत्र

वैशाली लिच्छवी गणराज्य की राजधानी थी और यह भगवान महावीर की जन्मस्थली भी है।

मुख्य आकर्षण:

  • अशोक स्तंभ
  • बौद्ध स्तूप एवं संग्रहालय
  • रामचौरा (भगवान महावीर का जन्मस्थान)

पटना बिहार की राजधानी और ऐतिहासिक नगर

पटना (प्राचीन पाटलिपुत्र) मौर्य और गुप्त साम्राज्य की राजधानी थी।

मुख्य आकर्षण:

  • गोलघर (अनाज भंडार)
  • पटना संग्रहालय (दुर्लभ कलाकृतियाँ)
  • गुरुद्वारा पटना साहिब (गुरु गोबिंद सिंह का जन्मस्थान)

सासाराम शेरशाह सूरी का मकबरा

सासाराम में शेरशाह सूरी का मकबरा स्थित है, जो मुगल स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है।

मुख्य आकर्षण:

  • शेरशाह सूरी मकबरा (झील के बीच स्थित)
  • ताराचंडी मंदिर

महाजनपद काल और मगध का उत्कर्ष

6वीं शताब्दी ईसा पूर्व में भारत में 16 महाजनपदों का उदय हुआ था, जिनमें मगध सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली था। मगध ने अन्य महाजनपदों को युद्धों के माध्यम से पराजित किया और एक सशक्त साम्राज्य की नींव रखी।

इसके प्रमुख शासक निम्नलिखित थे:

  • बिंबिसार हर्यंक वंश से संबन्धित था उसने मगध का विस्तार किया।
  • अजातशत्रु ने बौद्ध एवं जैन धर्म को संरक्षक प्रदान किया ।
  • महापद्म नंद: इसने नंद वंश की स्थापना की।

मौर्य एवं गुप्त साम्राज्य में बिहार

मौर्य साम्राज्य (321 ई.पू.–185 ई.पू.)

  • चंद्रगुप्त मौर्य ने सिकंदर के आक्रमण के बाद मौर्य साम्राज्य की स्थापना की।
  • सम्राट अशोक  को मौर्य वंश का सबसे प्रसिद्ध शासक माना जाता है। कलिंग युद्ध के बाद उनका बौद्ध धर्म की ओर झुकाव और धर्म प्रचारक नीति ऐतिहासिक महत्व रखती है। अशोक ने कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म अपनाया।

गुप्त साम्राज्य (320 ई.–550 ई.)

गुप्त वंश के शासकों  बिहार को अपनी राजधानी बनाया। गुप्त काल को भारत का “स्वर्ण युग” भी कहा जाता है। क्योंकि इस दौरान भारत की चतुर्दिक प्रगति हुई थी। आर्यभट्ट और कालिदास जैसे महान व्यक्ति इसी काल से संबंधित हैं।

  • चंद्रगुप्त प्रथम द्वारा स्थापित।
  • समुद्रगुप्त को “भारत का नेपोलियन” कहा जाता है।
  • स्कंदगुप्त ने हूणों के आक्रमण को रोका।

2॰  मध्यकालीन बिहार: पाल, सेन और मुगल शासन

मौर्य और गुप्त साम्राज्य के पतन के बाद बिहार पर पाल, सेन, और कर्णाट वंशों का शासन रहा। पाल वंश बौद्ध धर्म के संरक्षक थे और नालंदा विश्वविद्यालय को पुनः प्रतिष्ठा दिलाने में महत्वपूर्ण रहे। अफगान आक्रांताओं द्वारा इन संस्थानों के नष्ट होने से बिहार की बौद्धिक धरोहर को गहरी क्षति पहुँची।

  • मुगल काल:

16वीं शताब्दी में बिहार मुग़ल साम्राज्य का हिस्सा बन गया। बाबर और शेरशाह सूरी के बीच बिहार की धरती पर कई युद्ध लड़े गए।

शेरशाह सूरी, सासाराम का निवासी था, जिसने मुगलों को हराकर दिल्ली की गद्दी हासिल की और प्रशासनिक सुधारों के लिए प्रसिद्ध हुआ।

    • शेरशाह सूरी (सासाराम) ने ग्रैंड ट्रंक रोड बनवाई।
    • अकबर ने बिहार को बंगाल सूबे में मिलाया

3. ब्रिटिश काल में बिहार की भूमिका

  • 1757 की प्लासी की लड़ाई और 1764 की बक्सर की लड़ाई के बाद बिहार पर ईस्ट इंडिया कंपनी का नियंत्रण स्थापित हो गया। बंगाल प्रेसीडेंसी का हिस्सा होते हुए भी बिहार अपनी सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों के लिए अलग पहचान बनाए रहा।
  • 1857 की क्रांति: वीर कुंवर सिंह ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया।

4॰ स्वतंत्रता संग्राम में बिहार का योगदान

बिहार ने स्वतंत्रता संग्राम में कई महान नेताओं को जन्म दिया:

चंपारण सत्याग्रह (1917): महात्मा गांधी का पहला सफल आंदोलन। चंपारण सत्याग्रह महात्मा गांधी का पहला सफल आंदोलन था जो बिहार की भूमि पर हुआ था।

  • प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी:
    • डॉ. राजेंद्र प्रसाद (भारत के प्रथम राष्ट्रपति)।
    • जयप्रकाश नारायण (सम्पूर्ण क्रांति के नेता)।

5॰ स्वतंत्र भारत में बिहार

  • 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद बिहार ने राजनीतिक, शैक्षणिक और सामाजिक क्षेत्रों में अपनी भूमिका निभाई। 2000 में झारखंड को अलग राज्य बनाए जाने के बाद बिहार का भौगोलिक क्षेत्रफल घट गया, लेकिन राजनीतिक गतिविधियों में इसकी भूमिका बरकरार रही।
  • 1947 के बाद: बिहार भारत का एक प्रमुख राज्य बना।
  • 2000: झारखंड का गठन हुआ।
  • शिक्षा, रोजगार एवं बुनियादी ढाँचे का विकास, कृषि, पर्यटन और संस्कृति के क्षेत्र में राज्य की स्थिति निरंतर सुधर रही है।

निष्कर्ष

बिहार का इतिहास भारतीय सभ्यता की नींव है। BPSC परीक्षा में इसके प्राचीन, मध्यकालीन एवं आधुनिक पहलुओं से प्रश्न पूछे जाते हैं।

  1. BPSC परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य

✔ मगध साम्राज्य के शासकों की सूची याद रखें।
✔ मौर्य एवं गुप्त काल के प्रशासनिक ढाँचे को समझें।
✔ 1857 की क्रांति में बिहार की भूमिका पर नोट्स बनाएँ।
✔ चंपारण सत्याग्रह और गांधीजी की भूमिका को रिवाइज करें।

सुझाव: BPSC की तैयारी के लिए  NCERT (कक्षा 6-12)  की पुस्तकों का अध्ययन करें।

 

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